Bhootiya School – Bhoot Pret Chudail Ki Kahani – Hindi Horror
Story
बहुत से लोग कहते हैं की भूत प्रेत नहीं होते हैं. जब किसी
ने भूत प्रेत या फिर चुड़ैल को देखा ही नहीं. तो कैसे कह सकते हैं की भूत प्रेत
होते हैं. आम का स्वाद तो वही बता सकता हैं जिसने आम खाया हो. जिसने ज़िंदगी मे कभी
आम खाया ही नहीं हो वो आम का स्वाद कैसे बता सकता हैं. भूत प्रेत मे भी यही हैं, जिसने
भूत प्रेत देखा हो, जिसका पाला कभी भूत प्रेत जैसे ताकत से
पड़ा हो वही बता पाएगा की भूत प्रेत कैसे होते हैं. डर किसे कहते हैं. भूत प्रेत का
काम ही लोगो को डराना हैं. जो डर गया. तो समझो उसके ऊपर भूत हावी हो गया.
मैंने
भूत तो नहीं देखा हैं. पर भूतियाँ स्कूल मे चुड़ैल जरूर देखा हैं. वो भी बहुत सामने
से उसका चेहरा आज भी मुझे याद हैं. भूतिया स्कूल की चुड़ैल. जो की बहुत ही डरावनी
थी. आज भी जब मैं उस भूतिया स्कूल की चुड़ैल के बारे मे सोचता हूँ तो मेरा रोम रोम
खड़ा हो जाता हैं. शरीर मे गज़ब सा शिहरण आ जाता हैं. किसी की आत्मा ये ही एक ऐसा
चीज हैं जो मर कर भी जिंदा रहती हैं. कब किसका पाला उस अदृश्य ताकत से पर जाए ये
कोई भी नहीं जानता हैं. मेरा भी पाला एक अदृश्य ताकत से पर चुका हैं. मैं जानता
हूँ की भूत प्रेत या चुड़ैल कैसे होते हैं.
अगर वो चाह ले तो किसी की भी जान आसानी
से ले सकते हैं. एक बार की बात है मैं काम के शीलशीले मे दिल्ली गया हुआ था। वहाँ
पर मेरा एक दोस्त रहता हैं. वो बहुत दिनो
से वहाँ रह रहा हैं. एक छोटी सी कंपनी मे काम भी करता हैं. मेरा दोस्त हैं जिस वजह
से मैंने उस से कहा था की यार कोई मेरे लायक काम होगा तो बताना. उसने कहा की वहा
तो बहुत काम हैं बस काम करने वाला आदमी चाहिए. मैं बोला की जब मुझे काम का जरूरत
होगा तो मैं तुम्हें जरूर बताउगा. मैं अपना पढ़ाई भी पूरा कर चुका था. घर का हालत
भी कोई खाश अच्छा नहीं था. मुझे कही काम कर के दो पैसा कमाना बहुत जरूरी था. अगर
कही काम करूंगा तो जा कर के कम से कम मैं अपना खर्चा तो निकाल सकता हूँ. कब तक घर
वालों के ऊपर बोझ बन कर रहु.
ये सोच कर मैं अपने दिल्ली वाले दोस्त के पास फोन
किया. उसने भी कहा की ठीक हैं चले आओ। मैं तुम्हें यहा काम दिला दूंगा. पर जब मैं
दिल्ली गया तो हालत बिलकुल बिपरित था. ढंग का काम मिल पाना इतना आसान नहीं था.
वहाँ कितने दफ्तर और फ़ैक्टरि का चक्कर काटना पड़ता हैं. मेरा दोस्त भी बोला की यार
अभी काम नहीं हैं थोड़ा दिन और इंतेजर करो. जैसे ही काम मिल जाएगा मैं तुम्हें लगा
दूंगा. पर कही काम मिलेगा तब न. काम का इंतेजर करते हुए महीनो बीत गए पर कही काम
नहीं मिला. अंत मे तंग आ कर मैं एक जॉब कंसल्टेंसी के पास गया.
उसने मेरा बयोडेटा
देखा और बोला की अभी तो तुम्हारे लायक जॉब मेरे पास नहीं हैं. जब होगा तो मैं आप
को बता दूंगा. मैंने कहा की मुझे जॉब की बहुत जरूरी हैं. दिल्ली मे आए हुए महीनो
बीत गए. तब से मैं बैठ कर खा रहा हूँ. इतने महंगे जगह पर अगर कुछ नहीं कमाया तो
मेरे लिए अच्छा नहीं होगा. वैसे भी मैं जो पैसा ले कर आया हूँ. वो अब खत्म होने के
कगार पर हैं. अगर पैसा खत्म हो गया तो वापस जा पाना भी बहुत मुसकिल होगा. मैंने कंसल्टेंसी
वाले साहेब से कहा की सर आप के पास कोई भी जॉब हो तो बता दीजिये. मैं कोई भी छोटा
मोटा काम करने के लिए तैयार हूँ.
उसने कहा की मेरे पास अभी
सिर्फ सेक्युर्टी गार्ड का जॉब हैं. अगर security guard का
काम करोगे तो बोलो. मैंने कहा की ठीक हैं करूंगा. वैसे भी कोई न कोई छोटा मोटा काम
तो मुझे करना ही था. जॉब कंसल्टेंसी वाला बोला की बहुत से लड़के यहा कोई भी छोटा
मोटा काम करते हैं. जब तुम्हारे लायक काम आएगा तो मैं तुम्हें बता दूंगा. वहाँ से
मैं तुम्हें दूसरे जगह शिफ्ट कर दूंगा. उसने मुझे एक ऑफिस का address दिया और कहा की कल सुबह जा कर कन्सल्ट कर लेना. मैं अपने रूम मे वापस आ गया.
रात के समय जब मेरा दोस्त ड्यूटि से वापस आया तो मैंने ये बात अपने दोस्त से
बताया. उसने कहा की ठीक हैं अभी security guard का जॉब कर
लो.
मैं भी तुम्हारे लिए जॉब खोज रहा हूँ जब मिल जाएगा. तो वहा से दूसरे जगह पर
शिफ्ट कर दूंगा. मैं security guard का काम करना ही उचित
समझा. सुबह जब हुआ तो मैं बताए हुए एड्रैस पर पाहुच गया. उसने मुझे जॉइनिंग लेटर
दिया. बदले मे कुछ पैसे भी लिए. जिस से शूज और कपड़ा आया. मुझे तुरंत ही जॉइन भी कर
लिया गया. एक जगह का पता बता कर वहा जाने के लिए बोला गया. मैं वहा चला गया. उसी
दिन से मेरा जॉइनिंग भी हो गया. कुछ पैसे दे कर मुझे ड्यूटि के लिए जूता और कपड़ा
भी मिल चुका था. मैं सुबह से शाम तक एक जगह खड़ा रह कर अपना ड्यूटि पूरा किया. मेरे
साथ एक और गार्ड था जो मुझे बता रहा था की गार्ड का नौकरी कैसे किया जाता हैं. शाम
के समय मैं अपने घर वापस आ गया. मैंने ये बात अपने दोस्त को बताया उसने कहा की ठीक
हैं अभी हाल फिलहाल के लिए तो अच्छा.
अभी कर लो तब तक कोई दूसरा काम मिल जाएगा.
मैं गार्ड का काम करने लगा. कुछ दिनो तक तो मैं दिन मे काम किया फिर उसके बाद मुझ
से कहा गया की रात मे ड्यूटि करना हैं. गार्ड का काम भी ऐसा होता हैं की आज जहा
काम किए कल फिर उसी जगह काम मिलेगा उसका कोई ठिकाना नहीं. मुझे एक स्कूल मे गार्ड
का काम मिला. मुझे याद हैं वो ठंड की रात. वही ठंड की रात था जिस रात मैंने भूतिया
स्कूल मे चुड़ैल देखा था. ठंड का मौसम कड़ाके की ठंड पड़ रही थी. वो भी रात का
ड्यूटि. मैं एक स्कूल मे ड्यूटि करने लगा. ये वही स्कूल था जहा पर मैंने एक चुड़ैल
को देखा था. वो भी बहुत पास से मुझे तो विश्वश ही नहीं हो रहा था की सच मे ये
चुड़ैल हैं. मैं रात के समय security guard का काम कर रहा था.
मेरे साथ एक और गार्ड था. वो मुझ से सीनियर था. वो मुझे बता रहा था की यहा पर
गार्ड का काम कैसे किया जा सकता हैं. ठंड का मौसम वो भी एक स्कूल बड़ा सा स्कूल कही
भी कोई नहीं था॰ दूर दूर तक सन्नाटा ही सन्नाटा पसरा हुआ था.
उस भूतिया स्कूल मे
अगर कोई था तो वो मैं और मेरा सीनियर गार्ड. धीरे धीरे रात और घना हो रहा था. रात
मे कभी कभी मेरा सीनियर गार्ड अपनी जगह से उठता और स्कूल का चक्कर काट कर आता और
फिर अपने जगह पर बैठ जाता. हम स्कूल मे पास बने हुए एक सेक्युर्टी पोस्ट पर थे. ठंड
का मौशम होने के कारण हमने अपने पोस्ट के पास ही आग जलाया हुआ था. आग ताप रहे थे.
पर जब बहुत रात हो गया और ठंड भी बहुत ज्यादा बढ़ गया तो मेरा सीनियर मुझ से बोला
की जा कर स्कूल का एक राउंड मार कर चला आओ.
मैं अपने हाथ मे एक डंडा पकड़े हुए था
और एक सीटी भी पकड़ा हुआ था. जब भी राउंड पर जाता तो सीटी जरूर बजाता॰ मैं स्कूल के
राउंड पर निकला था. राउंड मरते हुए स्कूल के सब से पिछले हिस्से मे पाहुचा.
मैंने वहाँ देखा की अकेले मे एक लड़की खड़ी हैं. लड़की बिलकुल सफ़ेद रंग
का कपड़ा पहने हुए थी. लड़की बिलकुल शांत तरीके से खड़ी थी. बिलकुल सफ़ेद दिख रही थी.
उसे देख कर मैं सोच मे पड़ गया की ये लड़की कौन हैं और यहा पर क्या कर
रही हैं. उसका शांत स्वभाओ वो भी मेरे तरफ एक टूक देखे जा रही थी. उस वक़्त मैं
राउंड पर था. राउंड मरते हुए स्कूल के पीछे तरफ पहुच चुका था. बिलकुल सन्नाटा दूर
दूर तक कोई भी नहीं था.
मैं उसे देख रहा था वो क्लास आठ का पिछला हिस्सा था. जहा
पर वो लड़की खड़ी थी. मुझे थोड़ा शक हुआ क्यू की इतनी रात वो भी ठंड के मौसम मे
अकेले कौन हो सकता हैं. ये कोई लड़की नहीं
बल्कि जरूर कोई चुड़ैल होगी. तभी यहा पर खड़ी हैं. इस स्कूल मे जरूर कोई चुड़ैल रहती
हैं. ये स्कूल जरूर भूतहा स्कूल हैं. मैं उसे देख रहा था वो चुड़ैल भी शांत हो कर
मेरे तरफ ही देखे जा रही थी. कुछ देर तक मैं उसे देखा मैं बहुत डर गया क्यू की जिस
लड़की को मैं देख रहा था. वो हकीकत मे एक चुड़ैल थी. मैं वहा से सीधे अपने पोस्ट मे
आया और बैठ कर आग तापने लगा.
मेरा सीनियर मुझ से पूछा की जब तुम स्कूल ल राउंड पर
थे तो सीटी क्यू नहीं मारे. मैंने कहा की सीटी मारना भूल गया
था इसलिए नहीं मार पाया. पर मैंने नहीं कहा की स्कूल के पीछे तरफ एक चुड़ैल हैं.
जिसे देख कर मैं डर गया और सीटी नहीं मार पाया. थोड़ा देर तक हम दोनों पोस्ट मे बैठ
कर आग तापे. उसके बाद मेरा सीनियर मुझ से बोला की जा कर स्कूल का राउंड मार कर चले
आना. मुझे डर लग रहा था की अगर मैं राउंड पर निकला तो कही फिर से वो चुड़ैल न दिख
जाए. ये सोच कर मैं पोस्ट से बाहर नहीं निकलना चाह रहा था. पर मेरा सीनियर बार बार
मुझ से बोल रहा था की जा कर राउंड मार कर चले आओ. मैं डरा हुआ था क्यू की स्कूल मे
चुड़ैल थी. मैं तो वहा पर काम करना चाह ही नहीं रहा था. सोच रहा था की कब सुबह हो
की मैं यहा से सीधे अपने रूम मे चला जाऊ और फिर से कभी सेक्युर्टी गार्ड का काम
करने के लिए ही न आऊ. मेरा सीनियर बार बार मुझ से बोल रहा था की जा कर राउंड मार
कर चला आओ.
ठंड का मौसम था वो आग के सामने से उठना ही नहीं चाह रहा था. मैं सोचा
की बाहर निकलता हूँ और बस थोड़ा दूर तक राउंड मारता हूँ फिर वापस आ जाऊंगा. ये सोच
कर मैं अपने हाथ मे एक डंडा पकड़ा और बाहर की तरफ निकाल गया. पर अभी जैसे ही बाहर
निकला था तभी मेरा नजर एक लड़की पर पड़ी. ये लड़की कोई और नहीं वही भूतिया स्कूल की
चुड़ैल थी. मैं उसे देखते ही डर गया फिर से वापस पोस्ट मे आ कर बैठ गया. उस रात मैं
बहुत डरा हुआ था.
मेरे सामने भूतिया स्कूल की चुड़ैल थी. जिसे मैं देखा था. मेरा सीनियर
मुझ से पुछने लगा की राउंड पर क्यू नहीं जाते हो. तो मैंने उस से डरते हुआ कहा की
बाहर मे सफ़ेद रंग का कपड़ा पहने हुए एक लड़की खड़ी हैं. मैं उस से डर गया और राउंड पर
नहीं गया. सेक्युर्टी गार्ड मुझ पर गर्म होते हुए बोला की चल तो देखते हैं. यहा पर
कौन सफ़ेद रंग का कपड़ा पहन कर खड़ी हैं.
इतना बोल कर कर वो सेक्युर्टी पोस्ट से बाहर
निकला. उसने भी देखा की एक लड़की जो की सफ़ेद रंग का कपड़ा पहने हुए हैं और
सेक्युर्टी पोस्ट के सामने खड़ी हैं. मेरा सीनियर उसे देखते हुए बोला की यहा जाती हो
या नहीं. मैं भी बाहर आ चुका था मैंने भी देखा की मेरा सीनियर गार्ड उसे वहा से
जाने के लिए बोल रहा हैं. मेरे समझ मे नहीं आ रहा था. मैं सोच रहा था की इसके
सामने मौत खड़ी हैं और ये उस से यहा से चले जाने के लिए बोल रहा हैं.
वो अपने डंडा
को जमीन पर फटकने लगा और बार बार उस लड़की से बोलने लगा की यहा से जाती हैं या
नहीं. पर वो कोई लड़की रहती तब न वहा से जाती वो तो भूतिया स्कूल की चुड़ैल थी. मैं
उसे देख रहा था और डर भी रहा था की कही ये चुड़ैल हमे कुछ कर न दे. ठंड का मौशम हैं
और चारों तरफ खामोशी ही खामोशी फैला हुआ हैं. ऐसे मे अगर ये कुछ करती हैं तो हमारा
बच पाना बहुत मुसकिल हैं. चार-पाँच डंडा जमीन पर फटकने के
बाद मेरा सीनियर मुझ से बोला की चल पोस्ट के अंदर चलते हैं.
आज ये बहुत ही ज़िद्द
मे आ चुकी हैं ये किसी की बात नहीं मानेगी. मैं और वो पोस्ट के अंदर चले आए. मेरा
तो डर से हालत खराब था. मैंने उस से पूछा की ये लड़की कौन हैं और यहा क्या कर रही
हैं. तो उसने मुझे बताया की ये एक चुड़ैल हैं जो की कक्षा आठ के पास रहती हैं. जब
आधी रात होती हैं तो कक्षा आठ के पास दिख जाती हैं. ये चुड़ैल बहुत दिनो से इसी
स्कूल मे रहती हैं. मैंने इसे बहुत बार देखा हैं. पर नहीं पता क्यू आज यहा तक चले
आई. आज तो ये बहुत ढीठ हो गई हैं. आज रात यही पोस्ट मे रुकते हैं रात मे बाहर
निकलना ठीक नहीं हैं.
मैं सोच मे पर गया की ये कैसा आदमी हैं जिसे पता हैं की
स्कूल मे चुड़ैल हैं. फिर भी यहा ड्यूटि मे लगा हैं. मुझ से तो कभी भी ऐसा ड्यूटि
नहीं हो सकता हैं. मौत पर खेल कर पैसा कमाने का शौख नहीं हैं मुझे. रात का अंधेरा
था. सेक्युर्टी पोस्ट के अंदर हम दोनों थे और बाहर मे वो चुड़ैल. मुझे तो अब दिन निकलने
का इंतेजर था. कब दिन निकले की जान बचे. रात भर मैं उसी पोस्ट मे दुबक कर रहा. पर
जब सुबह हुआ तो मैं सीधे सेक्युर्टी ऑफिस चला गया और वहा ड्यूटि न करने की बात कह
कर अपने रूम मे वापस चला आया.
मैंने ये बात अपने दोस्त को भी बताया. उसने भी जॉब न
करने की बात कही. फिर कुछ दिनो तक मैं कंसल्टेंसी का चक्कर लगाया. मुझे एक जगह और
जॉब मिला. मैं वहा पर काम करने लगा. पर जब जब भूतिया स्कूल के चुड़ैल का ख्याल आता
हैं. मैं डर जरूर जाता हूँ.