Kunkuri Church , Asia Ka Dusra Sab Se Bada Catholic Church

Kunkuri Church , Asia Ka Dusra Sab Se Bada Catholic Church.

Kunkuri Church


कुनकुरी चर्च एशिया का दूसरा सब से बड़ा कैथॉलिक चर्च।

भारत मे छतीसगढ़ राज्य के जसपुर मे बसा हैं कुनकुरी नाम का एक छोटा सा शहर। इस शहर की पहचान ही अलग हैं। क्यू की यही पर हैं एशिया का दूसरा सब से बड़ा कैथॉलिक चर्च। एशिया का सब से बड़ा कैथॉलिक चर्च फिलीपींस के taal शहर मे हैं। जिसे Taal Basilica के नाम से जाना जाता हैं और दूसरा बड़ा कैथॉलिक चर्च भारत मे ही हैं। जिसे Lady Of Rosary Cathedral के नाम से जाना जाता हैं। कुनकुरी का ये चर्च जशपुर जिले से महज 17 किलोमीटर की दूरी पर हैं। यहाँ तक जाने के लिए जशपुर से प्रायः बस उपलब्ध हैं। कुनकुरी बस पड़ाओ से इसकी दूरी लगभग 2 किलोमीटर हैं। कुनकुरी बस पड़ाओ से यहा तक पैदल या फिर छोटे वाहन से जया जा सकता हैं। कुनकुरी चर्च अपनी खूबसूरती और एशिया का दूसरा सब से बड़ा कैथॉलिक चर्च होने के कारण विश्व प्रसिद्ध हैं। जशपुर मे क्रिश्चियन समुदाय की जनसंख्या लगभग 2 लाख से भी ज्यादा हैं। कुनकुरी चर्च का स्थापना 27 October 1979 मे हुआ था। इस दिन से चर्च प्रार्थना के लिए खोल दिया गया था। चर्च के अंदर प्रार्थना करने का जगह भी बहुत ज्यादा हैं। एक बार मे लगभग दस हज़ार आदमी प्रार्थना के लिए बैठ सकते हैं। क्रिश्चियन मिसनरियों ने चर्च के विकाश के लिए सरहनीय कार्य किए हैं। कुनकुरी पहले एक छोटा सा गाँव था। पर चर्च बनने के बाद ये छोटा सा गाँव शहर मे परिवर्तित हो गया। यहा पर होलीक्रॉस हॉस्पिटल भी हैं। जो की अपने बेहतर स्वस्थ्य सेवा के लिए जाना जाता हैं। कुनकुरी शहर ने शिक्षा के लिए भी सरहनीय कदम उठाए हैं। ये शहर विश्व प्रशिद्ध हैं। कुनकुरी चर्च पर्यटकों को अपनी तरफ खिचता हैं। इस चर्च का निर्माण जो इसकी सब से बड़ी उपलब्धि हैं। पूरा चर्च सिर्फ एक बीम पर टीका हुआ हैं। चर्च के अंदर बनी हुई विभिन्न कलाकृति और शीशे पर बने हुए विभिन्न झाकी देखने योग्य हैं। चर्च के अंदर की कलाकृति रोमन साम्राज्य की याद दिलाती हैं। कुनकुरी चर्च का मनोरम दृश्य देखने योग्य हैं। परंतु चर्च के अंदर के इन झकियों का फोटो खिचना मना हैं। चर्च के बाहर उधान और जगह जगह ईशा मसीह से संबन्धित कलाकृत्या देखने को मिलती हैं। यहा पर मदर मेरी की प्रतिमा भी स्थापित हैं। 25 दिसम्बर मतलब क्रिसमस के दिन यहाँ पर बहुत भीड़ रहता हैं। 25 दिसम्बर के दिन चर्च आम व्यक्तियों के लिए खोल दिया जाता हैं। क्रिसमस के दिन यहा पर दुकाने भी सजी रहती हैं और आस पास बहुत से दुकाने लगती हैं। इस दिन चर्च के अंदर जाना और यहाँ की कलाकृत्यों को देखने का मौका मिलता हैं। क्रिसमस के दिन यहाँ बहुत से प्रोग्राम किए जाते हैं। सड़कों पर जुलूस निकाले जाते हैं। चर्च के बाहर प्रोग्राम के लिए स्टेज भी बना हुआ हैं। इस दिन पूरे चर्च को लाइट से सजा दिया जाता हैं। रंग बिरंग रौशनी से चर्च और भी मनोरम दिखता हैं। जशपुर मे ईसाई धर्म के लोग बहुत हैं जिस वजह से चर्च भी भीड़ से भरा रहता हैं। दूर दराज से लोग यहा पहुचते  हैं यहा तक की विदेशों से भी श्रद्धालु यहा आते हैं। कुनकुरी चर्च के अंदर सभी धर्मो के प्रतीक लगे हुए हैं जिस से पता चलता हैं की ये चर्च सभी धर्मो का आदर करती हैं। कुनकुरी शहर मे सभी धर्मो के लोग आपस मे मिल जुल कर रहते हैं। चर्च के अंदर बिशप का ताबूत भी हैं जिस मे आज भी बिशप का शरीर सुरक्षित हैं।