Safety Helmet , Iske Upyog Aur Suraksha

Safety Helmet , Iske Upyog Aur Suraksha.

Safety Helmet


अक्सर हम किसी निर्माण छेत्र या इंडस्ट्री मे काम कर रहे मजदूरों को देखते हैं. तो हमारी नजर उनके सर पर जरूर जाती हैं. निर्माण छेत्र या इंडस्ट्री मे जीतने भी आदमी या worker मौजूद रहते हैं उन सभी के सर पर एक हेलमेट जरूर रहता हैं. इसे ही Safety Helmet कहा जाता हैं.

मतलब निर्माण छेत्र या किसी इंडस्ट्री के अंदर जिस हेलमेट का उपयोग होता हैं वो safety helmet कहलाता हैं. इसका उपयोग बहुत ही जरूरी हैं. अगर सर पर safety helmet नहीं हैं तो काम करने का अनुमति भी नहीं हैं. बहुत से प्लांट या इंडस्ट्री ऐसे भी हैं जहा पर safety helmet प्लांट के अंदर जाते समय ही चेक कर लिया जाता हैं.

जिस आदमी के सर पर safety helmet नहीं हैं उसे अंदर जाने ही नहीं दिया जाता हैं. प्लांट के अंदर जाते समय safety helmet लगा हुआ होना चाहिए और वापस आते समय safety helmet उतार कर हाथो मे होना चाहिए. Safety Helmet ठोश प्लास्टिक का बना हुआ होता हैं. जिसमे वजन सहने की छमता होती हैं. इसका डिज़ाइन भी ऐसा होता हैं की अगर कोई चीज ऊपर से गिरे और safety helmet से टकराए तो छटक जाए.

मतलब कोई चीज जब safety हेलमेट से टकराए तो छटक कर कुछ दूर चला जाए. जिस से पहने हुए व्यक्ति को चोट न लगे. इसका काम ही ऊपर से गिर रहे लोहे के टुकरे को छटका कर कुछ दूर कर दे. निर्माण छेत्र मे काम ऊपर भी चलता हैं और नीचे भी.

बहुत से लोग बाइक चलाते हुए भी safety helmet का उपयोग करते हैं. जो की बिलकुल गलत हैं. दोनों का बनावट अलग अलग हैं बाइक चलाने वाले helmet का डिज़ाइन अलग हैं और कार्य के दौरान उपयोग मे लाये जाने वाले हेलमेट का डिज़ाइन अलग हैं.

जिस helmet का उपयोग बाइक चलाते समय किया जाता हैं उसे crush हेलमेट कहा जाता हैं. और जिस हेलमेट का उपयोग कार्य छेत्र मे किया जाता हैं उसे safety helmet कहा जाता हैं. Crush हेलमेट का डिज़ाइन कुछ दूर तक घिसटाने के लिए किया जाता हैं. पर safety helmet का उपयोग ऊपर से गिर रही लोहे या फिर किसी चीज के टुकरे को कुछ दूर तक छटकाने मे होता हैं. पर इसका उपयोग बाइक चलाते समय नहीं करना चाहिए.

क्यू की अगर दुर्घटना होता है तो बाइक चलाने वाला बाइक के स्पीड के कारण कुछ दूर तक घिसटाएगा. उसके सर पर अगर safety helmet हुआ तो वो उसे घिसटाने से रोकेगा. परिणाम स्वरूप बाइक चलाने वाकला व्यक्ति का गर्दन टूट सकता हैं. इस से बहुत बड़ी छती होती हैं. जिस helmet का उपयोग जिसके लिए बना हैं उसी हेलमेट का उपयोग करना चाहिए.

Safety Helmet पहनने का तरीका भी आना चाहिए. इसे पहनना बहुत ही आसान हैं. हेलमेट को उठाया और इसे सीधे अपने सर के ऊपर रखा. ध्यान देना चाहिए की हेलमेट के अंदर का रिंग फिट आए. ऐसा न हो की सर पर ढीला हो और न ही टाइट. इसमे इसे आर्जेस्ट करने का जगह भी दिया रहता हैं. हेलमेट के नीचे तरफ चीज स्ट्रिप लगा रहता हैं. जिसे चीज पर लगाना रहता हैं.

इसपर भी ध्यान देना चाहिए की ये न तो बहुत ज्यादा टाइट और न ही तो ढीला हो. जब इसे लगा ले तो अपना एक उंगले को इसके अंदर घुसा कर चेक कर ले. की आसानी से ये एक तरफ से दूसरे तरफ जा रहा हैं या नहीं. अगर चीज स्ट्रिप ज्यादा टाइट हुआ तो दम भी घुट सकता हैं और अगर ढीला हुआ तो नीचे भी गिर सकता हैं. इसलिए इसे सही तरीके से पहनना बहुत ही जरूरी हैं.

किसी भी इंडस्ट्री या कार्य छेत्र मे जीतने भी लोग हेलमेट पहनते हैं. उन सभी के हेलमेट का रंग भी अलग अलग होता हैं. जैसे की बहुत से लोग yellow colour के safety helmet पहने होगे. कुछ White तो कुछ Blue तो कोई green और red कलर के भी safety helmet पहने हुए दिख जाएंगे. Safety Helmet के रंग से ही उनका rank पता चलता हैं. जैसे की जो Yellow Colour का Safety Helmet पहना हो तो वो मजदूर level के लोग होंगे.

जो White Colour का safety helmet पहना होगा. वो कंपनी का Factory का इंजीनियर या स्टाफ होगा. जो ब्लू रंग का safety helmet पहना होगा वो supervisor या मुंसि होगा. ग्रीन कलर का सेफटि हेलमेट पहने हुए आदमी वहाँ का Safety Officer या Safety सूपर्वाइज़र होगा.

रेड मतलब लाल रंग का safety helmet पहने हुए आदमी वहाँ का electrician या fireman होगा. इन मे Orange कलर का safety हेलमेट अकसर वे लोग पहनते हैं जो बाहर से काम देखने आते हैं. Safety Helmet के रंग से पता चलता हैं की कौन सा आदमी कौन सा काम करता हैं.