Ulta Pair , Ek Chudel Ki Kahani.
भूत प्रेत चुड़ैल होते हैं या नहीं, मुझे नहीं पता , मैंने तो आज तक किसी चुड़ैल या भूत
प्रेत को देखा ही नहीं हूँ। पर बहुत से लोगों को जनता हूँ जिन्होने भूत प्रेत या
फिर किसी चुड़ैल को देखा हैं। वो अदृश्य आत्मा कब किस के सामने आ जाए किसी को पता
नहीं। पर सुनता हूँ की भूत प्रेत बहुत ही चालक होते हैं वो बहुत ही चालाकी से किसी
को अपना शिकार बना लेते हैं। पर मैंने अब तक इन अदृश्य आत्माओ को नहीं देखा हैं।
और कभी देखना भी नहीं चाहता हूँ।
मेरा एक दोस्त मुझे बता रहा था की जो चुड़ैल होती हैं उसकी
रीढ़ की हड्डी अंदर की तरफ धसी हुई होती है। मतलब चुड़ैल का रीढ़ अंदर से खोखला
होता हैं। चुड़ैल को पहचानने का सब से आसान तरीका उसका पैर होता हैं। चुड़ैल का
पैर पीछे की तरफ मुड़ा हुआ होता हैं। मतलब की उल्टा पैर। शरीर आगे की तरफ और पैर
पीछे की तरह। अब जो भी हो आज तक मैंने कभी भूत प्रेत या चुड़ैल नहीं देखा हैं और न
कभी देखना चाहता हूँ। ये कहानी एक लड़के की हैं जिसका डेकोरेशन का दुकान था। बहुत
बड़ा तो नहीं पर छोटा मोटा डेकोरेशन का काम चलता था। गाँव या फिर किसी बस्ती के
लिए सही था। जहां कही भी उसे डेकोरेशन का काम मिल जाता वो चला जाता। शादी विवाह मे
उसे अच्छा खासा काम मिल जाता और पैसा कमा लेता। एक बार की बात हैं उसका डेकोरेशन
शहर से दूर एक बस्ती मे बूक हुआ था। उस बस्ती के सामने से ही एक हाइवे सड़क था।
रात के समय शादी था जिस वजह से उसे रात भर बस्ती मे रहना था।
दिन मे अपना लाइट शादी घर मे चरो तरफ सजा दिया। उसके पास एक जेनेरेटर भी था। जब
लाइट कट जाता तो जेनेरेटर चला कर सभी बल्ब मे बिजली का सफलाइ देता। रात के समय उस
ने लगाए हुए सभी बल्ब को अच्छी तरह से चेक किया और जब उसे पूरा तसल्ली हो गया की
सभी बल्ब अच्छी तरह से जल रहे हैं तो बेफिक्र हो कर जेनेरेटर के पास आ कर बैठ गया।
जेनेरेटर के पास ही एक खटिया लगा हुआ था। जहां पर बैठ कर लाइट को देख रहा था।
सब कुछ अच्छा चला रहा था। वो भी बे फिक्र था की कही से कोई
खराबी नजर नहीं आ रही हैं। बहुत देर तक वो वही पर बैठा रहा। फिर सोचा की थोड़ा
जेनेरेटर का तेल चेक कर लिया जाए। रात भर चल पाएगा या नही। तेल चेक कर के वो
निश्चित था। फिर से वो अपने खटिए पर लेट गया। अब वो लेटा लेटा सोच रहा था की शादी
विवाह का घर हैं। रात मे अचानक अगर डीजल खत्म हो गया तो जेनेरेटर चलना बंद कर
देगा। जिस से सभी लाइट बंद हो जाएंगे। अगर लाइट नहीं जल पाया तो बहुत सामत आ
जाएगी। वैसे भी जेनेरेटर मे बहुत डीजल हैं। रात भर तो आसानी से चल जाएगा। थोड़ा
देर तक तो फिर से वो खाट पर लेता रहा पर फिर सोचा की चल कर डीजल ले कर आया जाए। मशीन का कोई ठिकाना नहीं रहता
हैं कब धोखा दे दे। ये सोच कर अपने खाट से उठा और डीजल का डब्बा उठा लिया।
उस वक़्त रात के दस बज रहे थे। कोई ज्यादा रात भी नहीं हुआ था।
उस ने फैसला किया की चल कर डीजल ले आया जाए। जेनेरेटर भी अच्छा खासा चल रहा था।
डीजल लेने के लिए वो वहाँ से पैदल ही चल दिया। जिस जगह शादी हो रहा था। वहाँ से
पेट्रोल पम्प मात्र दो किलोमीटर की दूरी पर था। हाइवे से हो कर डीजल लाना था। वो
लड़का पैदल ही चल दिया और सीधे पेट्रोल पम्प पाहुच कर तेल के गैलन मे डीजल फूल
करवा कर वापस आने लगा। अभी वो कुछ दूर चला ही था की उसकी नजर हाइवे पर चलते हुए एक
लड़की पर पड़ी। रास्ता बिलकुल सुनसान।
अंधेरे रास्ते मे वो लड़की अकेले ही शादीघर की तरफ चले जा रही
थी। लड़का उसे देखा और सोच मे पड़ गया की इतने रात गए ये कौन लड़की हैं जो अकेले
इस सुनसान रास्ते पे चले जा रही हैं। लड़का पैदल था और उस से कुछ दूरी पर ही वो लड़की
अकेले चली जा रही थी। कभी कभार हाइवे से होते हुए कोई बस या ट्रक आता और उस लड़की
के ऊपर उजाला करते हुए चला जाता। लड़की धीरे धीरे आगे की तरफ बढ़ रही थी। पर लड़के
की रफ्तार लड़की से बहुत ज्यादा थी। थोड़ी ही देर मे वो लड़की के सामने पहुच गया।
अब वो सोच रहा था की कैसे इस लड़की से बात किया जाए। रास्ता सुनसान और उस रास्ते
मे वो लड़का और एक लड़की चले जा रहे थे। लड़की बहुत ही सजी सवरी नजर आ रही थी ऐसा
लगा रहा था की वो भी शादी घर जा रही हो। हो सकता हैं शादी घर जाने मे देर हो गया
होगा जिस वजह से ये अकेले पड़ गई होगी।
उसकी खूबसूरती देख कर लड़का उस पर फिदा हो गया। अब तो चाह थी
की किसी तरह उस लड़की से बात हो जाए। दोनों आमने सामने चल रहे थे। पर लड़का का
हिम्मत नहीं हुआ की वो उस लड़की से बात कर सके। थोड़ी देर तक तो दोनों खामोशी से
चले पर वो लड़की ही पहले बात चित शुरू कर दी। लड़की बोली की आप मुझे पॉलिटैक्निक
हॉस्टल के पास तक छोड़ देंगे मुझे इस रास्ते से अकेले चलते हुए डर लग रहा हैं। तो
वो लड़का बोला हाँ क्यू नहीं। मैं उधर से ही होते हुए शादी घर जा रहा हूँ। मैं आप
को हॉस्टल तक छोड़ कर शादी घर चला जाऊंगा।
लड़का को अब मौका मिल गया था अब वो उस लड़की से बात कर सकता
था। उसने उस लड़की से बोला की आप इस पॉलिटैक्निक मे पढ़ते हैं। तो वो लड़की बोली
हाँ मैं इस पॉलिटैक्निक मे पढ़ती हूँ। मैं इलैक्ट्रिकल इंजीन्यरिंग कर रही हूँ।
मैं अपने सहेली से मिलने के लिए बस्ती मे गई हुई थी। जिस कारण बहुत देर हो गया।
रास्ता भी सुनसान हो चुका हैं। कोई भी इस रास्ते मे चल नहीं रहा हैं। अच्छा हुआ जो
आप मुझे मिल गए नहीं तो मुझे अकेले ही हॉस्टल जाना पड़ जाता। लड़का उस लड़की का
हौसला बढ़ाते हुए बोला की इस मे डर की क्या बात हैं। मैं उस तरफ ही जा रहा हूँ।
आप को आप के मंजिल तक छोड़ कर मैं वहाँ से आगे बढ़ जाऊंगा।
हॉस्टल के ठीक आगे ही तो शादी हो रहा हैं। अब लड़का लड़की आपस मे बातें करने लगे।
कभी लड़का ऐसी ऐसी बात करता की लड़की हसने लगती और कभी लड़की की बातें सुनकर लड़का
हसने लागत। ऐसा ही बहुत देर तक चलता रहा। दोनों एक दूसरे से बातें करते हुए आगे की
तरफ चले जा रहे थे। लड़की समझ चुकी थी की ये लड़का मुझ पर डोरे डाल रहा हैं। दोनों
हस्ते हुए आगे की तरफ बढ़ रहे थे। रात का समय था कभी कभार कोई गाड़ी जब उस तरफ से
गुजरता तो उन दोनों पर उजाला करते हुए आगे की तरफ चला जाता।
कुछ देर तक तो हसी मज़ाक चलता रहा। पर जब आगे से एक ट्रक पार
किया और ट्रक का लाइट उस लड़की के पैर पर पड़ा और वो लड़का जब उस लड़की को देखा तो
उसके होश उड़े के उड़े रह गए। उसने देखा की जिस लड़की से वो बात कर रहा हैं उसके
पैर पीछे के तरफ मुड़े हुए हैं। वो लड़की आगे की तरफ चल रही हैं पर उसका पैर पीछे
की तरफ हैं। लड़का जान गया की जिस लड़की से वो इतना घुल मिल कर बातें कर रहा हैं
वो कोई मामूली लड़की नहीं बल्कि एक चुड़ैल हैं। वो जनता था की चुड़ैल के पैर ही
पीछे के तरफ मुड़े हुए होते हैं। अब तो उसका मानो की सांस ही अटक गया। मुह से कुछ
निकल ही नहीं रहा था।
लड़की जब उसे खामोश देखि तो बोली की क्या हुआ जो अचानक से इतने
शांत हो गए। अभी अभी तो कितने हाँस कर बोल रहे थे और अचानक से बोलती ही बंद हो
गईं। वो लड़का तो इतना डर गया की अब उसके मुह से कहाँ आवाज़ निकालने वाला था। वो तो डर से
काँप रहा था। उसने किसी तरह कहा की नहीं ऐसा कोई बात नहीं नहीं बस इसी तरह कुछ
नहीं बोल रहा हूँ। वो लड़की उस लड़के के चेहरे की परेशानी देख कर समझ गई की अब इसे
हकीकत पता चल चुका हैं।
वो लड़की बोली की मुझे पता हैं की तुम्हें हकीकत पता चल चुका
हैं। मैं वो नहीं हूँ जो तुम पहले सोचे थे। मैं कोई साधारण लड़की नहीं हूँ। पर
मुझे अपनों ने ही धोखा दिया। जिसे मैं सब से ज्यादा चाहती थी उसी ने मुझे ठुकरा
दिया। अब भी मैं सच्चा प्यार की तलाश मे इधर उधर भटकती रहती हूँ। पर अब तक मुझे
सच्चा प्यार नहीं मिला। वो लड़की लड़के से बोली की क्या तुम मेरा साथ निभाओगे। जब
उस लड़की के मुह से ये बात सुना तो उसके होश और भी उड़ गए। साथ निभाने का मतलब उस
लड़की के साथ रहना और इसका मतलब जान दे देना। लड़का मारना नहीं चाहता था। डर से
उसका हालत और भी खराब हो गया। लड़की फिर से उस लड़के से बोली की क्या तुम मेरा साथ
निभाओगे।
लड़का सोचा की अगर एक पल और यहाँ रुकता हूँ तो ये लड़की मुझे
किसी ट्रक या बस के आगे फेक देगी और मुझे मार कर ज़िंदगी भर अपने साथ रखेगी। लड़का
बहुत डर गया। वो डीजल का डब्बा सड़क पर पटक कर सीधा भागना शुरू किया। भागते भागते
सीधे शादी घर आया और वही गिर कर बेहोश हो गया। तुरंत चारों तरफ अफरा तफरी मच गया।
कोई जान नहीं पा रहा था की ये लड़का अचानक से यहाँ
आ कर क्यू गिर गया और बेहोश हो गया। वहाँ पर मौजूद लोगों ने उसके चेहरे पर पनि
मारा जिस से उसे होश आया। जब होश मे आया तो उसने सारी बात बस्ती वालों को बता
दिया। बस्ती वाले बोले की रात के अंधेरे मे कोई लड़की हैं जो पॉलिटैक्निक कॉलेज के
पास भटकती हैं। वो लड़की एक चुड़ैल हैं जो पॉलिटैक्निक हॉस्टल के पास से भटकते हुए
डेम तक जाती हैं।
कितनों ने तो उस लड़की को गर्मी के मौसम मे डेम के पास अकेले भटकते
हुए देखा हैं। बस्ती वाले बोलते हैं की वो लड़की पॉलिटैक्निक कॉलेज मे पढ़ती थी और
किसी से प्यार मे धोखा खाने के कारण डेम मे डूब कर मर गईं। उसकी आत्मा को अब भी
शांति नहीं मिला और वो रात के अंधेरे से पॉलिटैक्निक हॉस्टल से होते हुए डेम तक
आती हैं।