हॉरर सीरियल लगा कर देखने लगती. उसका पति भी उसको मना करता कि ज्यादा हॉरर सीरियल नही देखना चाहिए. पर उसका तो मन ही हॉरर सीरियल पे था. डरावनी धारवाहिक देखना चाहिए या नही. ये उसे पता नही था. सब का अपना - अपना इच्छा किसी को कॉमेडी सीरियल अच्छा लगता है. तो किसी को सस्पेन्स वाला सीरियल.
आज कल तो मोबाइल का जमाना है. सिर्फ youtube पे टाइप करने की देरी है. सारा फरमाइस तुरंत पूरा हो जाता है. या फिर गूगल बाबा से संपर्क करने की जरूरत है. रंजू भी अपने हिसाब से हिंदी हॉरर सीरियल का बहुत शौकीन थी. पर लोग कहते है कि किसी भी चीज का अति बहुत ही खराब होता है. शौक उतना ही पूरा करो जिस से कोई नुकसान न हो.
इस दुनिया मे कौन अपना शौक पूरा करना नही चाहता है. रंजू भी अपना दिल की ख्वाहिश पूरा करने के लिए हिंदी हॉरर सीरियल देखती थी. एक बार की बात है. वो मोबाइल पे हॉरर सीरियल देख रही थी. पर हॉरर सीरियल देखते-देखते उसे ऐसा लगा कि ये जो हॉरर सीरियल में जो भी कुछ दिखा रहा है. वो पूरा का पूरा उसकी जीवन से मिलता है.
मतलब की हॉरर सीरियल का कहानी उसके जीवन के कहानी से बहुत मिलता जुलता था. पर वो कहानी आधा था. जब वो हॉरर सीरियल देख रही थी. तो उसे आभाष होने लगा कि उसके जीवन मे अब इसके बाद क्या होगा. उसे ऐसा लगा कि उसकी कहानी से ही हॉरर सीरियल बनाया गया है. पर अब उसे पता चल चुका था कि उसके बाद उसके जीवन मे क्या होने वाला है. वो हॉरर सीरियल में देख रही थी. की एक भूत उसका पीछा कर रहा है. शादी के पहले से ही एक भूत उसे मारना चाह रहा है.
पर वो अपने इस इरादे में सफल नही हो सका. एक - दो बार कोशिश भी कर चुका था. पर रंजू वहाँ पर सतर्क हो चुकी थी. जैसे कि एक बार उसके रसोई में L P G गैस का पाइप लीकेज हुआ था. पर तेज गंध के कारण रंजू को पता चल चुका था कि गैस लीकेज है. उसने गैस को ठीक किया और अपने रसोई से सारा गैस बाहर निकला. एक बार तो रंजू अपने बिस्तर से उठ कर जैसे कि थोड़ा दूर बढ़ी थी कि घर का सीलिंग फैन ही ऊपर से नीचा गिर गया था.
पर इस सभी घटना के बाद उनके जीवन के आगे का भी घटना था. की कैसे उसकी मौत एक भूत के द्वारा होता है. वो अब हॉरर सीरियल को हकीकत मान चुकी थी. वो जान चुकी थी कि अब उसकी जीवन का आखरी समय आ चुका है. अब भूत उसे अपना शिकार बना लेगा. एक डर उसके दिल मे बैठ गया. रंजू सोच नही पा रही थी कि अब करे तो क्या करे. अगर ये बात किसी को बताती है. तो कोई भी उसके बात का बिश्वाश नही करेगा. अब एक चिंता उनके अंदर था. एक बार वो खाना बना रही थी.
उसका रसोई घर और बाथरूम आमने सामने था. अकेले रोसोइ घर मे खाना बना रही थी. तभी उसने आवाज सुना. उसने सुना कि उसका बाथरूम का नल अपने आप चालू हो गया. उसमे से तेज पानी बहने लगा. वो सोची की यहाँ कोई नही है पर बाथरुम का नल अपने आप शुरू कैसे हो गया. वो बाथरूम गई और नल को बंद कर दी. फिर से खाना बनाने में जुट गई. पर कुछ ही देर के बाद उसे ऐसा लगा कि कोई बाथरूम का दरवाजा खट खटा रहा है.
पर उसे पता था कि वो अभी तो थोडा देर पहले ही बाथ रूम से आई है. कोई अंदर नही था. अचानक से कौन अंदर गया. ऐसा हो नही सकता है. वो खाना बनाना छोड़ कर बाथरूम के पास गई. पर उसने देखा कि बाथरूम का दरवाजा तो बाहर से खुला है. अब एक डर उसके अंदर आ गया. इस तरह का घटना उसने हॉरर सीरियल में भी देखा था. की कैसे मौत से पहले भूत उसे तंग करता है.
हॉरर सीरियल का मंजर उसे याद आने लगा. अब वो बहुत डर गई. वो चाह कर भी दरवाजा नही खोली और चिल्लाते हुए अपने रसोई घर से बाहर निकली. उनकी सास ससुर ड्राइंग रूम में बैठ कर आपस में बातें कर रहे थे. वो घबराते हुए उनके पास पहुची. और बोली कि बाथरूम में कोई है.
उनके सास ससुर भी अपने जगह से उठ कर बाथरूम का दरवाजा खोल कर देखे. तो उसके अंदर कोई भी नही था. सब कुछ नार्मल था. पर अब रंजू कैसे कहे कि उसने जो सुना और देखा वो बिल्कुल सच है. वो झुठ नही बोल रही है. रंजू के सास ससुर उसे समझाये की यहाँ कोई नही है. ये सिर्फ तुम्हारा वहम मात्र है. हो सकता है कि हवा के कारण दरवजा खटखटाने की आवाज आई होगी. जिसे तुम किसी की मौजूदगी समझ गई होगी.
पर अब रंजू कैसे कहे कि वो अपने आने वाले कल के बारे में जानती है. उसने एक हॉरर सीरियल देखा था. जो बिलकुल उसके जीवन की कहानी को बयां करता है. उसने ये बात अपने सास ससुर को न समझना ही अच्छा समझा. रात के समय जब उसका पति अपने दिन भर के काम खत्म कर के घर वापस आया तो. रात में सोने से पहले रंजू ने अपने साथ बीती हुई घटना को अपने पति को बताया.
रंजू की बात सुनते ही उसका पति बहुत गुस्सा हुआ. एक तो दिन भर का काम काज. उसपर जब वो रात के समय घर आया तो उसकी पत्नी उसे भूत प्रेत की बात बताने लगी. ऐसा भी कही होता है. शायद ही कभी ऐसा हुआ हो कि किसी की ज़िंदगी किसी कहानी से मेल खाती हो. वो भी हॉरर सीरियल का कहानी.
रंजू का पति जनता था कि रंजू को हॉरर सीरियल बहुत ही पसंद है. जब भी मौका मिलता. रंजू अपने मोबाइल पर हॉरर सीरियल देखने लगती है. रंजू का पति रंजू को डांटते हुए बोला कि तुम अब से मोबाइल पे हॉरर सीरियल देखना बंद कर दो. वैसे रंजू हॉरर सीरियल देखना बहुत कम कर चुकी थी.
पर लोग कहते है ना कि ज्यादा मोबाइल देखना भी एक बीमारी होता है. जब तक आदमी अपने हिसाब से मोबाइल को नही चलाये तब तक चैन नही मिलता है. आज के समय मे मोबाइल एक ऐसा चीज हो गया है. की इनके बिना रह पाना बहुत मुश्किल है. जिसके पास मोबाइल है और उसे वीडियो देखने का शौक है. वो अपने आप ही उसे लगा देगा और देखने लगेगा.
ऐसा ही कुछ रंजू के साथ भी था. न चाहते हुए भी वो हॉरर सीरियल अपने मोबाइल पर लगा देती और देखने लगती. ये बात हर कोई जानता था. उसका पति इसी बात को लेकर उसे डाटा और बोला कि अब से हॉरर सीरियल देखना बंद कर दो. तुम्हारा वहम खत्म हो जाएगा. अब रंजू अपने बात को कैसे साबित करे कि सच मे उसके साथ वही हो रहा है.
जो वो एक हिररोर सीरियल में देखी थी. रात बीत गई. फिर से रंजू अपने घर के काम मे busy हो गई. उनका पति भी अपने काम पर चला गया. रंजू अपने कमरे में थी कुछ कर रही थी. पर उसे लगा कि कोई है जो उसके पीछे खड़ा है. और बराबर उसे देख रहा है. जैसे ही रंजू पीछे घूम कर देखी तो उसके होश उड़े के उड़े रह गए. उसने देखा कि एक आदमी बहुत ही डरावना आदमी उसके पास खड़ा है.
बिल्कुल सफेद कपड़ा पहने हुए. रंजू उसे देखते ही डर गई. बहुत जोर अब चिल्लाई उनकी आवाज सुन कर उनके सास ससुर दौड़ते हुए उनके कमरे तक आये. उन्होंने रंजू से पूछा कि क्या हुआ. रंजू बस इतना ही बोल रही थी कि इस कमरे में भूत है. रंजू बहुत ही डर चुकी थी. उसका डर और घबड़ाहट साफ पता चल रहा था. बूढ़े सास ससुर क्या करे कुछ समझ नही पा रहे थे.
उन्हीने तुरन्त अपने बेटे को फोन लगाया. और तुरंत घर आने को कहा. उसका बेटा भी अपना सभी काम छोड़ कर वापस अपने घर आ गया. घर आ कर सब हकीकत पता चला कि रंजु कैसे डर गई है. उसने अपने माँ पिता से कहा कि रंजू का ये हालत इसी के वजह से हुआ है. न तो ये हॉरर सीरियल देखती और न ही इनके दिमाग़ में मोबाइल वाला भूत सवार होता. रंजु अब बोले भी तो क्या बोले.
वो तो अब पहले से बहुत कम हॉरर सीरियल देखती थी. रंजु को आनन फानन में डॉक्टर के पास ले जाया गया. वहाँ उसका इलाज कराया गया. डॉक्टर से भी कहा गया कि रंजु बहुत ही हॉरर सीरियल का शौखिन है. जब भी उसे मौका मिलता है. हॉरर सीरियल देखने लगती है. डॉक्टर ने कहा कि अब ये आम चलन बन चुका है. बहुत से लोग मोबाइल को ही अपना दुनिया मान लेता है. उसमे होने वाली घटना को ही अपने जीवन के घटना से जोड़ देता है. ये एक तरह का बीमारी है.
जो धीरे धीरे आम होता जा रहा है. इसका बहुत ही लंबा इलाज़ चलगे. उसका भी कोई गारंटी नही है कि इलाज़ सक्सेस हो ही जायेगा. रंजु का अब भी इलाज़ चल रहा है. बहुत से माँ पिता ऐसे भी होते है. जब उसका बच्चा रोता है तो मोबाइल हाथ मे थमा देते है. पर इन्हें नही पता कि अनजाने में ही सही. वे बहुत बड़ी गलती कर रहे है.